राम-राज
देश बदलता, वेश बदलता,
गीता का उपदेश बदलता।
राम-राज्य के बापू का, परिणाम न जाने क्या होगा॥
राजनीति में देशभक्ति का,
नेताओं में नेतृत्व शक्ति का,
जनता में अपनेपन का,
जीवन में सच्चेपन का,
क्षण-क्षण बदलते रूप-रंग, अब हश्र न जाने क्या होगा।
राम-राज्य के बापू का, परिणाम न जाने क्या होगा॥
स्वाभिमान के संरक्षक का,
स्वतंत्रता के वीरों का,
आशा के अंगारों का,
तूफानों की पतवारों का,
पराधीनता पाँव पसारे — स्वतंत्रता का क्या होगा?
राम-राज्य के बापू का, परिणाम न जाने क्या होगा॥
🖊️आशीष चतुर्वेदी
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