यूपी में संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत: अब पहले मिलेगा वेतन – सीएम योगी का ऐतिहासिक फैसला

 नमस्कार पाठकों,

उत्तर प्रदेश के संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब संविदा कर्मचारियों को उनकी सैलरी नियमित कर्मचारियों से पहले दी जाएगी। इस नई व्यवस्था की शुरुआत बिजली विभाग में की गई है और जल्द ही इसे प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में लागू करने की तैयारी चल रही है। इससे लाखों संविदा कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने में मदद मिलेगी।

संविदा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय, उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश लागू
अब हर संविदा कर्मचारी को मिलेगा ₹18,000 वेतन – सरकार का बड़ा फैसला

संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी

उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब संविदा कर्मचारियों को उनकी सैलरी नियमित कर्मचारियों से पहले दी जाएगी। यह व्यवस्था पहले चरण में बिजली विभाग में लागू की गई है और जल्द ही प्रदेश के सभी विभागों में इसे लागू करने की तैयारी चल रही है।

बार-बार हो रही थी देरी, अब मिलेगा समय पर वेतन

पिछले कुछ वर्षों में संविदा कर्मचारियों की ओर से वेतन में देरी, कटौती और भेदभाव की कई शिकायतें सरकार तक पहुंच रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और निर्देश जारी किए कि संविदा कर्मचारियों को महीने की शुरुआत में ही वेतन मिल जाना चाहिए। इस आदेश से लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

यूपी पावर कॉरपोरेशन ने सबसे पहले किया अमल

इस फैसले पर सबसे पहले बिजली विभाग ने अमल किया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पहले संविदा कर्मचारियों को सैलरी दी जाए और उसके बाद ही नियमित कर्मचारियों को भुगतान किया जाए। इससे मीटर रीडर, लाइनमैन, हेल्पर, क्लर्क आदि पदों पर कार्यरत हजारों कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

हर महीने की 5 तारीख तक खातों में पहुंच जाएगी सैलरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी एजेंसियां संविदा कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करें। किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। अब कर्मचारियों को बार-बार एजेंसियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

₹18,000 तय किया गया न्यूनतम वेतन

उत्तर प्रदेश सरकार ने संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह निर्धारित कर दिया है। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के अंतर्गत लागू होगी। हालांकि यह प्रक्रिया अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है, लेकिन सरकार की ओर से साफ संकेत दिए गए हैं कि आने वाले समय में सभी संविदा कर्मचारियों को यह लाभ मिलेगा।

संविदा कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

इस नए फैसले से लगभग 11 लाख से ज्यादा संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। कई कर्मचारी ऐसे हैं जो केवल इस वेतन पर ही निर्भर हैं और समय पर सैलरी न मिलने से उन्हें परिवार चलाने में मुश्किल होती थी। अब सरकार की इस पहल से उन्हें न सिर्फ राहत मिलेगी, बल्कि वे मानसिक रूप से भी मजबूत महसूस करेंगे।

शिकायत की प्रक्रिया भी हुई आसान

अगर किसी संविदा कर्मचारी को तय समय पर वेतन नहीं मिलता है, तो वह संबंधित एजेंसी, विभागीय अधिकारी या जिला प्रशासन से संपर्क कर सकता है। सरकार ने सभी जिलों में शिकायत निवारण तंत्र को सक्रिय कर दिया है ताकि किसी को भी वेतन से वंचित न रहना पड़े।

सरकारी सेवा में बढ़ेगा भरोसा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला सरकारी सेवा में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। इससे सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता, ईमानदारी और समयबद्धता की भावना मजबूत होगी। यदि यह व्यवस्था नियमित रूप से लागू रहती है, तो इससे राज्य की प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न सिर्फ संविदा कर्मचारियों की आर्थिक परेशानियों को दूर करेगा, बल्कि उन्हें यह विश्वास भी दिलाएगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है। अब संविदा कर्मियों को बार-बार वेतन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह फैसला सरकार की संवेदनशीलता, जवाबदेही और मजबूत नेतृत्व का प्रमाण है।


🔔 Disclaimer:
यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी आदेशों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें। ब्लॉग का उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है।

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