UP Cabinet Decision 2025: कर्मचारियों को अब 25 लाख तक आवास ऋण, ब्याज घटा

UP CABINET DECISION 2025

नमस्कार पाठकों 

अगर आप उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारी हैं तो आप सबके लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में तैनात अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, राज्य सरकार के अधिकारीगण, तथा सामान्य कर्मचारी अब भवन निर्माण हेतु 25 लाख रुपये तक का अग्रिम (Loan/Advance) ले सकेंगे। यही नहीं, भवन की मरम्मत के लिए भी अब 10 लाख रुपये तक की सीमा तय कर दी गई है।

इस प्रस्ताव को 23 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई। यह कदम राज्यकर्मियों को केंद्र सरकार के बराबर लाभ देने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।

UP Cabinet 2025: राज्यकर्मियों को हाउस लोन में बड़ी राहत

UP सरकार: अब मिलेगा 25 लाख तक हाउस लोन, ब्याज 7.5%



🔴 मुख्य बिंदु (Highlights):

  • राज्यकर्मियों को अब मिलेगा ₹25 लाख तक हाउस लोन
  • भवन मरम्मत के लिए ₹10 लाख तक का ऋण
  • ब्याज दर घटाकर 7.5% फिक्स कर दी गई
  • 34 महीने की सैलरी तक ले सकेंगे लोन
  • अब केंद्र कर्मचारियों जैसी सुविधा राज्यकर्मियों को भी
  • कैबिनेट में 23 जुलाई 2025 को निर्णय पास
  • UP सचिवालय संघ ने CM योगी को धन्यवाद कहा
  • पहले और अब की तुलना


    प्रकार पहले की सीमा अब की नई सीमा
    भवन निर्माण अग्रिम ₹7.5 लाख ₹25 लाख
    भवन मरम्मत अग्रिम ₹1.80 लाख ₹10 लाख
    ब्याज दर 9% (2.5% छूट समय पर भुगतान पर) फिक्स 7.5%

    निर्णय की मुख्य बातें:

    1. अधिकतम 25 लाख रुपये का ऋण अब राज्य कर्मचारी आवास निर्माण के लिए ले सकते हैं। यह उनकी 34 महीने की मूल सैलरी के बराबर होगा।
    2. भवन मरम्मत के लिए भी अधिकतम ₹10 लाख तक का अग्रिम उपलब्ध होगा।
    3. ब्याज दर को घटाकर 7.5% फिक्स कर दिया गया है। अब समय पर भुगतान पर कोई अतिरिक्त छूट नहीं मिलेगी, लेकिन सभी को यह दर समान रूप से मिलेगी।
    4. यह योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान लाभ देने के उद्देश्य से लाई गई है।

    वर्तमान व्यवस्था का लाभ किन्हें मिलेगा?

    इस नई व्यवस्था से निम्न कर्मचारी लाभान्वित होंगे:

    • उत्तर प्रदेश सरकार के सभी स्थायी एवं नियमित कर्मचारी
    • सचिवालय, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, सिंचाई, ग्रामीण विकास सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी
    • अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी जैसे IAS, IPS, IFS, जो यूपी में कार्यरत हैं

    यह फैसला राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को बेहतर सुविधा देने और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।

    संघ की प्रतिक्रिया

    इस निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष अर्जुन देव भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपर मुख्य सचिव (वित्त) दीपक कुमार का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि:

    "यह लंबे समय से चली आ रही मांग थी कि राज्यकर्मियों को भी केंद्र कर्मचारियों के समकक्ष लाभ मिले। मुख्यमंत्री जी ने यह करके दिखाया है। इससे हजारों कर्मचारियों को लाभ होगा।"


    यह बदलाव क्यों जरूरी था?

    पिछले कुछ वर्षों में भवन निर्माण की लागत में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ऐसे में मात्र ₹7.5 लाख का ऋण आधुनिक समय में काफी नहीं था।

    • मेटेरियल की कीमतें
    • लेबर कॉस्ट
    • लोन प्रोसेसिंग चार्ज
    • और प्लॉट की खरीद आदि सभी खर्चों के चलते कर्मचारियों को या तो प्राइवेट लोन लेना पड़ता था या फिर निर्माण अधूरा रह जाता था।

    अब ₹25 लाख की सीमा मिलने से न केवल कर्मचारी अपना घर पूरा कर सकेंगे, बल्कि सरकारी योजना के तहत उन्हें कम ब्याज पर लाभ भी मिलेगा। 

     

    इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

    • राज्यकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा – उन्हें अब घर बनाने के लिए निजी बैंकों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
    • राज्य सरकार में विश्वास बढ़ेगा – कर्मचारियों में सरकार के प्रति सकारात्मक संदेश जाएगा।
    • रियल एस्टेट सेक्टर को भी बल मिलेगा – निर्माण सामग्री, कारीगर, कंस्ट्रक्शन कंपनियों को भी काम मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

    उदाहरण से समझिए

    यदि किसी राज्यकर्मी की मासिक मूल सैलरी ₹60,000 है तो:

    • 34 महीने की सैलरी = ₹60,000 × 34 = ₹20,40,000
    • यानी वह कर्मचारी ₹20.40 लाख तक का लोन ले सकता है।
    • और यदि किसी की मूल सैलरी ₹75,000 है:
    • 34 महीने की सैलरी = ₹25,50,000
    • लेकिन चूंकि अधिकतम सीमा ₹25 लाख है, इसलिए वह उतना ही ले पाएगा।

    संबंधित लिंक और जानकारी:

    • उत्तर प्रदेश शासन की वित्त विभाग वेबसाइट: Click Here
    • आधिकारिक आदेश (जल्द अपडेट किया जाएगा)
    • यदि आप यह लाभ लेना चाहते हैं तो अपने विभागीय DDO से संपर्क करें।

    निष्कर्ष

    उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, बल्कि यह यह दिखाता है कि योगी सरकार कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता देती है। ब्याज दर को 7.5% पर फिक्स करके लोन को और भी सुलभ बना दिया गया है।

    अब राज्यकर्मी अपने सपनों का घर बिना किसी वित्तीय तनाव के बना पाएंगे।


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    अस्वीकरण (Disclaimer):

    यह जानकारी समाचार स्रोतों एवं सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें। News Vibes 18 इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देता। यह केवल सूचना हेतु प्रकाशित की गई है।

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